Aditya L1: चंद्रयान-3 भेजने में खर्च हुए थे 615 करोड़:

 सप्ताह भर बाद इसरो ने सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च करने की तैयारियां पूर कर ली हैं. 2 सितंबर को इसरो सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोलर मिशन को लॉन्च करेगा.



नई दिल्ली : चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के सप्ताह भर बाद इसरो ने सूर्य मिशन को लॉन्च करने की तैयारियां पूर कर ली हैं. बीते दिन लॉन्चिंग रिहर्सल भी इसरो के वैज्ञानिकों ने पूरा कर लिया है. चंद्रयान-3 मिशन में 615 करोड़ रुपये का बजट खर्च हुआ था, लेकिन सूर्य मिशन को भेजने में कितना बजट खर्च किया जा रहा है और इस मिशन में इसरो क्या खोज करेगा? आइये विस्तार से समझते हैं.


इसरो के अनुसार किसी ग्रह की कक्षा में पांच रणनीतिक स्थान होते है जिन्हें लाग्रेंज या 'एल' बिंदु के रूप में जाना जाता है.इसरो ने स्पष्ट किया है कि वह 2 सितंबर को सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है. सूर्य मिशन के लिए लॉन्चिंग का रिहर्सल भी सफलतापूर्वक संपन्न किया जा चुका है. सूर्य मिशन ADITYA-L1 हमारे सूर्य की जटिल कार्यप्रणाली को उजागर करने के लिए तैयार है, जो कि हमारे ग्रह पर जीवन को बनाए रखने वाला स्रोत है.

मिशन आदित्य एल-1 कब लॉन्च होगा ?

इसरो ने कहा कि PSLV-C57/आदित्य-L1 मिशन सूर्य का अध्ययन करने वाले अंतरिक्ष मिशन आदित्य-L1 का लॉन्च सुबहर 11:50 बजे निर्धारित है. इसे आंध्र प्रदेश में स्थिति श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, जिसका लाइव प्रसारण होगा. इसरो गैलरी से लॉन्च देखने का मौका देने के लिए इसरो ने रजिस्ट्रेशन लिंक  भी जारी किया है.


आदित्य एल-1 मिशन का बजट क्या है?

आदित्य एल1 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक बड़ी परियोजना है. यह सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत यानी सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा. इंडिया टाइम्स और हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मिशन का बजट करीब 400 करोड़ रुपये है. रिपोर्ट के अनुसार इस पैसे का उपयोग अंतरिक्ष यान के डिजाइन, विकास, प्रक्षेपण और संचालन के लिए किया गया है.सूर्य मिशन में L1 का मतलब क्या है


इसरो के अनुसार किसी ग्रह की कक्षा में पांच रणनीतिक स्थान होते है जिन्हें लाग्रेंज या 'एल' बिंदु के रूप में जाना जाता है. ये 'एल' बिंदु स्थिर स्थिति प्रदान करते हैं जहां गुरुत्वाकर्षण बल खगोलीय पिंडों की कक्षीय गतिशीलता के साथ सामंजस्य पूर्ण रूप से बातचीत करते हैं. इन बिंदुओं. L1, L2, L3, L4, और L5 का नाम 18वीं सदी के प्रसिद्ध इतालवी खगोलशास्त्री और गणितज्ञ जोसेफ-लुई लाग्रांज के नाम पर रखा गया है. इनमें से L1 सबसे अलग है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है. यह दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच के विशाल विस्तार का मात्र 1% है, जो लगभग 151 मिलियन किलोमीटर है.


आदित्य-L1 सूर्य पर क्या-क्या करेगा?

सूर्य मिशन आदित्य एल1 ऊपरी सौर वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता का अध्ययन करेगा.

क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग का अध्ययन और सूर्य के वातावरण की जटिल गतिशीलता का अध्ययन शामिल है.